Leucoderma Care Kit से Safed Daag का  सबसे बढ़िया इलाज, बिना किसी Side Effect के

Leucoderma Care Kit से Safed Daag का सबसे बढ़िया इलाज, बिना किसी Side Effect के

ल्यूकोडर्मा (Leucoderma), जिसे "Vitiligo" के नाम से भी जाना जाता है, यह एक त्वचा विकार है जिसमें त्वचा के रंग, मेलेनिन के नुकसान के कारण त्वचा पर सफेद धब्बे (White Spots) विकसित होते हैं। ये पैच, जिन्हें विटिलिगो भी कहा जाता है, शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं और समय के साथ धीरे-धीरे फैल सकते हैं। आयुर्वेद में, इस स्थिति को "किलासा" या त्वचा का विकार माना जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, ल्यूकोडर्मा का प्राथमिक कारण शरीर में पित्त और कफ दोषों की वृद्धि के साथ-साथ रक्त (रक्त) और ममसा (मांसपेशियों) धातुओं (ऊतकों) की हानि है। असंतुलित दोषों के कारण मेलेनिन के उत्पादन में कमी आती है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा पर सफेद धब्बे दिखाई देने लगते हैं।
आयुर्वेद ल्यूकोडर्मा को आंतरिक असंतुलन की अभिव्यक्ति के रूप में देखता है, और इसलिए, उपचार दृष्टिकोण इन असंतुलन को ठीक करने और रक्त को शुद्ध करने पर केंद्रित है।

भारत में विटिलिगो का प्रचलन (Leucoderma/Vitiligo in India)

कुछ त्वचाविज्ञान बाह्य रोगी रिकॉर्ड के आधार पर, भारत में विटिलिगो 0.25%-2.5% पाई गई है।

ल्यूकोडर्मा के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Safed Daag / White Spots )

ल्यूकोडर्मा के लक्षणों में शामिल हैं:

1. त्वचा पर धब्बे जो अपना रंग खो देते हैं। ये आपकी प्राकृतिक त्वचा के रंग की तुलना में सफ़ेद या हल्के दिखाई दे सकते हैं।
आपके शरीर पर बालों के धब्बे चांदी, भूरे या सफेद हो जाते हैं।

2. लक्षण हल्के हो सकते हैं और केवल आपके शरीर के एक छोटे से क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं या गंभीर हो सकते हैं और आपकी त्वचा के एक बड़े क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं। विटिलिगो से पीड़ित कुछ लोगों को डी-पिगमेंटेशन शुरू होने से पहले त्वचा में खुजली का अनुभव होता है।

3. ल्यूकोडर्मा त्वचा में छोटे-छोटे धब्बों के रूप में शुरू हो सकता है। समय के साथ, ये बड़े हो जाते हैं और कई महीनों में अन्य पैच के साथ विलीन हो जाते हैं। यद्यपि वे शरीर के किसी भी हिस्से में उभर सकते हैं, प्रारंभिक पैच आमतौर पर हाथ, अग्रबाहु, पैर और चेहरे पर होते हैं।

क्या आयुर्वेद ल्यूकोडर्मा को स्थायी रूप से ठीक कर सकता है?

इस समस्या का प्रारंभिक चरण में ही समाधान करना आवश्यक है; यदि यह बिना जाँच के आगे बढ़ता है तो परिणाम स्थायी और अपरिवर्तनीय हो सकते हैं। आयुर्वेद एक स्थायी और प्राकृतिक ल्यूकोडर्मा आयुर्वेदिक दवा प्रदान करता है जो इस बीमारी को फैलने से रोक सकती है और बिना किसी दुष्प्रभाव के इसके प्रभाव को उलट सकती है।



CALL OUR EXPERTश्री च्यवन आयुर्वेद द्वारा ल्यूकोडर्मा केयर किट (Leucoderma Care Kit by Shri Chyawan Ayurveda)

श्री च्यवन आयुर्वेद ने ल्यूकोडर्मा, सफेद धब्बे, त्वचा का रंग खराब होना, रंजकता, खुजली, सूजन, चकत्ते और लालिमा को पूरी तरह से ठीक करने के लिए सावधानीपूर्वक एक ल्यूकोडर्मा केयर किट तैयार की है। उन्होंने अब तक हजारों ग्राहकों को ठीक किया है और 100% परिणाम दिए हैं। यह विटिलिगो/ल्यूकोडर्मा के लिए वर्तमान में उपलब्ध सर्वोत्तम आयुर्वेदिक उपचार है।

क्या हमारी ल्यूकोडर्मा केयर किट लैब परीक्षणित और सुरक्षित है?

हमारा ल्यूकोडर्मा केयर किट भारत सरकार द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला के गुणवत्ता समूह के एक प्रभाग द्वारा अनुमोदित है। इसलिए, इसका उपयोग करना और परिणाम पूरी तरह से सुरक्षित है।

श्री च्यवन ल्यूकोडर्मा केयर किट में क्या है?

श्री च्यवन ल्यूकोडर्मा किट में तीन प्रकार की दवाएँ शामिल हैं:

1. ल्यूको-आउट लेप (Leuco - Out Lep)
2. ल्यूको-आउट वटी (Leuco - Out Vati)
3. ल्यूको-आउट चूर्ण (Leuco - Out Churn)

उत्पाद लाभ ( Product Benefits) :

1. ल्यूको-आउट लेप: श्री च्यवन आयुर्वेद का ल्यूको-आउट लेप त्वचा कोशिका को ठीक करने और सभी मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है।

2. ल्यूको-आउट वटी: श्री च्यवन आयुर्वेद की ल्यूको-आउट वटी एक गोली है जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और मृत कोशिका को कम करने में मदद करती है। यह त्वचा संबंधी सभी रोगों में भी मदद करता है।

3. ल्यूको-आउट चूर्ण: श्री च्यवन आयुर्वेद का ल्यूको-आउट चूर्ण शरीर के विषहरण में मदद करता है और हानिकारक विषाक्त पदार्थों को निकालता है।

उत्पाद घटक (Product Ingredients) :

1. ल्यूको-आउट लेप में मुख्य घटक बाकुची, बोइलीम, अर्क, छरोता बीज, धतूरा, गिलोय, स्वर्ण भस्म, स्वर्ण जटा, एलोवेरा हैं।
2. ल्यूको-आउट वटी में मुख्य घटक आंवला, गिलोय, एलोवेरा, कीवी, दारू हल्दी, स्वर्ण जटा, भस्म, अर्क, जंगली बेल आदि हैं।
3. ल्यूको-आउट चूर्ण में मुख्य घटक बाकुची, दारू हल्दी, नागर मोथा, अर्जुन छाल, तुलसी, स्वर्ण भस्म आदि हैं।

कैसे उपयोग करें (How To Use):

1. ल्यूको-आउट वटी - चिकित्सक के निर्देशानुसार एक गोली खाली पेट दिन में दो बार यानी सुबह और शाम।

2. ल्यूको-आउट चूर्ण - एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।

3. ल्यूको-आउट लेप - लेप को शरीर पर कम से कम 2 घंटे तक लगाना चाहिए।

ध्यान दें (Important Instruction) - मधुमेह या गर्भवती होने पर ल्यूकोडर्मा केयर किट का उपयोग न करें

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