स्तंभन दोष / नपुंसकता का पता लगाना: कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक चिकित्सा और उपचार

स्तंभन दोष / नपुंसकता का पता लगाना: कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक चिकित्सा और उपचार

स्तंभन दोष (ईडी), जिसे नपुंसकता के रूप में भी जाना जाता है, एक सामान्य पुरुष यौन विकार है जो संतोषजनक यौन प्रदर्शन के लिए पर्याप्त निर्माण प्राप्त करने या बनाए रखने में लगातार असमर्थता की विशेषता है। यह किसी व्यक्ति के आत्म-सम्मान, रिश्तों और जीवन की समग्र गुणवत्ता पर भी प्रभाव डाल सकता है।

स्तंभन दोष (ईडी),  विभिन्न कारकों के कारण होता है, जिनमें शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और जीवनशैली से संबंधित तत्व शामिल हैं। शारीरिक रूप से, ईडी लिंग में खराब रक्त प्रवाह, हार्मोनल असंतुलन, तंत्रिका क्षति, या मधुमेह, उच्च रक्तचाप या हृदय रोग जैसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों जैसे मुद्दों के परिणामस्वरूप हो सकता है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) एक प्रचलित स्थिति है जो सभी उम्र के पुरुषों को प्रभावित कर सकती है, न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मनोवैज्ञानिक कल्याण और रिश्तों पर भी असर डालती है। आयुर्वेद, समग्र चिकित्सा की प्राचीन भारतीय प्रणाली, स्तंभन दोष के अंतर्निहित कारणों की व्यापक समझ प्रदान करती है और यौन जीवन शक्ति को बहाल करने के लिए प्राकृतिक उपचार प्रदान करती है।

आयुर्वेदिक परिप्रेक्ष्य से स्तंभन दोष (ईडी) को समझना(Understanding Erectile Dysfunction (ED) from an Ayurvedic Perspective)

आयुर्वेद में, मानव शरीर तीन दोषों द्वारा शासित होता है: वात, पित्त और कफ। इष्टतम यौन स्वास्थ्य इन दोषों की संतुलित स्थिति, शारीरिक ऊतकों (धातुओं) के सामंजस्यपूर्ण कामकाज और अपशिष्ट उत्पादों (मलास) के उचित उन्मूलन का परिणाम है। स्तंभन दोष मुख्य रूप से वात दोष में असंतुलन के कारण होता है, जो गति, परिसंचरण और तंत्रिका तंत्र के कार्यों को नियंत्रित करता है।

आयुर्वेद के अनुसार स्तंभन दोष के कारण(Causes of Erectile Dysfunction According to Ayurveda):

  • असंतुलित जीवनशैली: अनियमित दिनचर्या, अपर्याप्त नींद और अत्यधिक तनाव शरीर के संतुलन को बिगाड़ सकते हैं, जिससे दोषों में असंतुलन हो सकता है और यौन क्रिया प्रभावित हो सकती है।
  • खराब आहार विकल्प: ऐसे खाद्य पदार्थ जो वात को बढ़ाते हैं, जैसे सूखा, ठंडा और मसालेदार भोजन, इसमें योगदान कर सकते हैं। पौष्टिक और पौष्टिक खाद्य पदार्थों की कमी वाला आहार समग्र प्रणाली को कमजोर कर सकता है।
  • मानसिक और भावनात्मक कारक: चिंता,अवसाद और भावनात्मक तनाव मन-शरीर के संबंध को बिगाड़ सकते हैं, जिससे यौन उत्तेजना और प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।

स्तंभन दोष के लक्षण(Symptoms of Erectile Dysfunction):

  • इरेक्शन हासिल करने या बनाए रखने में असमर्थता: ईडी का प्राथमिक लक्षण यौन गतिविधि के लिए पर्याप्त इरेक्शन हासिल करने या बनाए रखने में कठिनाई है।
  • यौन इच्छा में कमी: ईडी से पीड़ित पुरुषों को कामेच्छा या यौन इच्छा में कमी का अनुभव हो सकता है।
  • प्रदर्शन संबंधी चिंता: अपर्याप्त प्रदर्शन का डर ईडी को बढ़ा सकता है, जिससे चिंता और शिथिलता का एक चक्र बन सकता है।

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आयुर्वेद में स्तंभन दोष की दवा और उपचार(Erectile Dysfunction Medicine and Treatment in Ayurveda)

श्री च्यवन आयुर्वेद ने पुरुषों में स्तंभन दोष के लिए सर्वोत्तम आयुर्वेदिक दवा - शक्ति प्रो किट तैयार किया है। यह शिलाजीत ,अश्वगंधा, केसर, शतावरी और कई अन्य प्राकृतिक सामग्रियों से बने सिद्ध परिणामों के साथ बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम उत्पादों में से एक है और प्रत्येक उत्पाद का अपना महत्व है।

उत्पाद विवरण:

श्री च्यवन आयुर्वेद की शक्ति प्रो किट आपको शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, नपुंसकता, सहनशक्ति से संबंधित समस्याओं में मदद करने के लिए तैयार की गई है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक और विश्वसनीय उत्पाद है जिसमें सहनशक्ति बढ़ाने और शरीर को पुनर्जीवित करने के लिए केंद्रित सभी हर्बल आयुर्वेदिक अवयवों के गुण हैं।

हमारी किट में निम्नलिखित उत्पाद शामिल हैं(Our kit consists of the following of)

  • हिमालयन शिलाजीत रेज़िन : श्री च्यवन आयुर्वेद का शिलाजीत रेज़िन अनिवार्य रूप से सामान्य दुर्बलता, ताक़त, शक्ति और सहनशक्ति से संबंधित आपकी समस्याओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है और लिपिड को बढ़ाता है। यह आपको बेहतर शारीरिक प्रदर्शन के लिए पर्याप्त ताकत और सहनशक्ति देने में मदद करता है।

घटक: इसमें शुद्ध शिलाजीत रेजिन होता है।

कैसे उपयोग करें: अपने चिकित्सक के निर्देशानुसार दूध, पानी, चाय, फलों की स्मूदी आदि के साथ 250-500 ग्राम शिलाजीत रेजिन का सेवन करें।

  • शक्ति पाउडर: श्री च्यवन आयुर्वेद का शक्ति पाउडर तनाव, कमजोरी, सामान्य दुर्बलता, शक्ति और सहनशक्ति से निपटने में मदद करता है। यह अश्वगंधा, सफेद मूसली, शिलाजीत आदि जैसे शक्तिशाली हर्बल और आयुर्वेदिक अवयवों का उपयोग करके बनाया गया है और आपको ताकत और सहनशक्ति प्रदान करता है।

घटक: इसमें सेमल मूसली, सफेद मूसली, मखाना, अकरकरा, तालमखाना, अश्वगंधा, विधारा, लाजवंती, कौंच बीज, बीज बंद, सालम पांजा, शिलाजीत, वंग भस्म, कुक्कुटांडत्वक भस्म, हिंगुल भस्म, शर्करा जैसे तत्व शामिल हैं।

कैसे उपयोग करें: 1-2 चम्मच गर्म दूध के साथ, दिन में दो बार, भोजन से पहले या अपने चिकित्सक के निर्देशानुसार।

  • स्टड-प्रो कैप्सूल: श्री च्यवन आयुर्वेद का स्टड-प्रो कैप्सूल आपको सामान्य दुर्बलता, जोश, शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, शारीरिक कमजोरी आदि से संबंधित समस्याओं में मदद करने के लिए तैयार किया गया है और यह आपको ऊर्जा और सहनशक्ति को बढ़ावा देता है, जिससे आपके स्वास्थ्य में सुधार होता है।

घटक: इसमें सफेद मूसली, अश्वगंधा, शतावरी, शिलाजीत, जेनसिंग, अकरकरा, केसर आदि शामिल हैं।

कैसे उपयोग करें: 1-2 कैप्सूल, दिन में दो बार दूध के साथ या अपने चिकित्सक के निर्देशानुसार।

  • स्टड-प्रो आयुर्वेदिक तेल: श्री च्यवन आयुर्वेद का स्टड-प्रो तेल पूरी तरह से हर्बल और प्राकृतिक तेल है जो रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है और आपकी सहनशक्ति और प्रदर्शन को बढ़ाता है। यह आपको सामान्य दुर्बलता, जोश, शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, शारीरिक कमजोरी आदि से संबंधित समस्याओं में मदद करता है, और आपको ऊर्जा और सहनशक्ति को बढ़ावा देता है।

घटक: इसमें ज्योतिष्मती, अश्वगंधा, जयफल, जावित्री, अकरकरा, शतावरी, चमेली, लौंग, माल तेल और तिल का तेल शामिल हैं।

कैसे करें इस्तेमाल: इस तेल की 8-10 बूंदें अंग पर लगाकर 5 मिनट तक ऊपर से नीचे तक धीरे-धीरे मसाज करें।

Ayurvedic Medicine for erectile dysfunction

स्तंभन दोष के लिए अन्य आयुर्वेदिक उपचार(Other Ayurvedic Remedies for Erectile Dysfunction):

  • अश्वगंधा: यह एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी तनाव को कम करने, सहनशक्ति बढ़ाने और समग्र जीवन शक्ति को बढ़ाने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। यह वात दोष को संतुलित करने, तंत्रिका कार्य में सुधार करने और प्रजनन अंगों में स्वस्थ रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • शिलाजीत: एक खनिज युक्त पदार्थ, शिलाजीत को आयुर्वेद में एक शक्तिशाली कायाकल्पक माना जाता है। यह ऊर्जा के स्तर में सुधार करता है, यौन क्रिया को बढ़ाता है और शरीर की समग्र लचीलापन को मजबूत करता है।
  • गोक्षुरा: ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस के रूप में भी जाना जाता है, गोक्षुरा एक प्राकृतिक कामोत्तेजक है जो स्वस्थ टेस्टोस्टेरोन के स्तर का समर्थन करता है, शुक्राणु उत्पादन को बढ़ावा देता है और स्तंभन में सुधार करता है।
  • आहार में संशोधन: गर्म, पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ संतुलित आहार पर जोर दें। वात दोष को शांत करने और प्रजनन स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए घी, दूध, मेवे और ताजे फल शामिल करें।
  • अभ्यंग (तेल मालिश): गर्म तिल के तेल या विशेष आयुर्वेदिक तेलों का उपयोग करके नियमित रूप से आत्म-मालिश करने से रक्त परिसंचरण में सुधार हो सकता है, मांसपेशियों को आराम मिल सकता है और तनाव कम हो सकता है।
  • योग और प्राणायाम: योग आसन, श्वास व्यायाम और ध्यान तनाव को प्रबंधित करने, मानसिक स्पष्टता में सुधार करने और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से ईडी प्रबंधन में सहायता करते हैं।
  • आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन: आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा निर्धारित अनुरूप हर्बल फॉर्मूलेशन व्यक्तिगत असंतुलन को संबोधित कर सकते हैं और यौन स्वास्थ्य को बहाल कर सकते हैं।

स्तंभन दोष एक जटिल समस्या है जिसके प्रभावी प्रबंधन के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद इस स्थिति में योगदान देने वाले दोषों, ऊतकों और जीवनशैली कारकों की परस्पर क्रिया में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। श्री च्यवन आयुर्वेद की शक्ति प्रो किट हमारे आयुर्वेद विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया एक सर्वोत्तम स्तंभन दोष आयुर्वेदिक उपचार है , जो शुद्ध और प्राकृतिक अवयवों के संयोजन से बना है।

संतुलित जीवनशैली अपनाकर, आयुर्वेदिक उपचारों को अपनाकर और योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सकों से मार्गदर्शन प्राप्त करके, पुरुष स्तंभन दोष के मूल कारणों का समाधान कर सकते हैं और अपनी यौन शक्ति को फिर से जीवंत कर सकते हैं। याद रखें, आयुर्वेद क्रमिक और निरंतर प्रगति का समर्थन करता है, इसलिए किसी के यौन स्वास्थ्य और समग्र कल्याण को बहाल करने की यात्रा में धैर्य और प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण है।

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